*अधिकार व न्याय के लिए कश्यप निषाद की जातियों को एक मंच पर आना होगा समाज को एकजुट होना होगा राष्ट्रीय स्तर पर -सन ऑफ मल्लाह मुकेश सहनी*

"शिक्षा विकास का मूल आधार व संगठन अधिकार प्राप्ति का माध्यम-लौटनराम निषाद"*
     गोरखपुर।निषाद चैरिटी संस्था(मुम्बई) के बैनर तले उत्सव मैरिज हाउस,बरगदवा में संस्था अध्यक्ष भुलई प्रसाद निषाद की अध्यक्षता व देवीलाल निषाद के संयोजकत्व में "वीर एकलव्य पुरस्कार वितरण समारोह" व "निषाद समाज चिंतन मनन संगोष्ठी" का आयोजन किया गया।जिसमें बतौर मुख्य अतिथि निषाद विकास संघ के अध्यक्ष सन ऑफ मल्लाह मुकेश साहनी एवं बतौर विशिष्ट अतिथि व मुख्य वक्ता राष्ट्रीय निषाद संघ के राष्ट्रीय सचिव चौ.लौटनराम निषाद ने संगोष्ठी को सम्बोधित किया।इस कार्यक्रम में मेधावी विद्यार्थियों को मेडल व पुरस्कार देकर संस्था द्वारा सम्मानित किया गया।
        बतौर मुख्य अतिथि समारोह को सम्बोधित करते हुए सन ऑफ मल्लाह मुकेश साहनी ने कहा कि अधिकार प्राप्ति व न्याय के लिए निषाद समाज को एकजुट होकर संघर्ष करना होगा।उन्होंने निषाद चैरिटी संस्था मुम्बई द्वारा मेधावी विद्यार्थियों के उत्साहवर्धन के लिए इस तरह के नेक कार्य की सराहना करते हुए कहा कि इससे विद्यार्थियों में प्रतिस्पर्धा की भावना के साथ सामाजिक दायित्व की भावना जागृत होगी।उन्होंने विद्यार्थियों का आह्वान करते हुए कहा कि सफलता व लक्ष्य प्राप्ति के लिए लक्ष्य निर्धारित कर उसे प्राप्त करने के लिए निष्ठा-लगन व ईमानदारी से अनवरत प्रयास करें,जबतक कि लक्ष्य की प्राप्ति न हो जाये।लक्ष्य कठिन हो सकता है,पर असम्भव नहीं।हीनभावना का परित्याग कर आत्मविश्वास, दृढ़ इच्छाशक्ति के द्वारा लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है।
       राष्ट्रीय निषाद संघ के राष्ट्रीय सचिव चौ.लौटनराम निषाद ने शिक्षा को विकास का मूल आधार व सशक्त संगठन को अधिकार प्राप्ति का माध्यम बताया। उन्होंने कहा, *"जो पढ़ेगा,वो बढ़ेगा"*, जिस समाज ने शिक्षा को गले लगाया,वह समाज तरक्की कर गया और अपना समाज भाग्यवादी होने के कारण विकास में पिछड़ गया है।उन्होंने छात्र नौजवानों से जीवन में सफलता अर्जित करने के लिए प्रतिस्पर्धी बनने का आह्वान किया।अगर मन में विश्वास हो,दृढ़ इच्छाशक्ति, आत्मविश्वास का पुट हो,हीनभावना से मुक्त हों,तो असम्भव को सम्भव बनाया जा सकता है।
        कार्यक्रम का संचालन संस्था उपाध्यक्ष अवधेश निषाद व धन्यवाद ज्ञापन वीरेंद्र प्रताप साहनी ने किया।रामपाल निषाद ने अपने गीत से समा बाँधा।समारोह को डॉ.रामरती नायक,बाबूलाल निषाद,मत्स्य विकास निगम के चेयरमैन रमाकांत निषाद, विश्वविजय निषाद, श्यामलाल निषाद, विनोद कुमार साहनी,सन्तोष निषाद, रामकोमल निषाद,ई.एमडी प्रसाद,रामनगीना साहनी,देवी प्रसाद निषाद, के.पी.निषाद, श्रवण कुमार निषाद आदि ने सम्बोधित किया।