मोदीनगर.यूं तो किसानों के लिए बहुत सी योजनाएं चलती आ रही है और चलाई जा रही है जैसे प्रधानमंत्री मन धन योजना प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि( जिनके तहत 60 वर्ष से अधिक आयु वाले किसानों को ₹3000 पेंशन के तौर पर मिलेंगे और दो 2000 की तीन किशत के जो कि ₹6000 बैठते हैं वह मिलेंगे) परंतु आप सभी मेरी बात से सहमत होंगे ग्राउंड पर योजनाओं के पालन होने में और आंकड़ों में काफी फर्क दिखाई देता है जो वास्तविक हकदार है वह इन योजनाओं का फायदा बहुत ही कम उठा पाते हैं परंतु यदि इस बार जितनी भी किसानों और पशुपालकों के लिए वित्त मंत्री द्वारा दिया गया फंड वास्तव में ही असली हकदार को मिलता है वास्तव में जमीनी तौर पर यह सब काम होता है तो आने वाला समय किसानों और पशुपालकों के लिए स्वर्णिम काल होगा|
जैसे 1980 के दशक के दौरान हमारा भारत कृषि प्रमुख देश था यहां पर 70 से 75 % आबादी कृषि पर आधारित थी परंतु भारत सरकार ने भारत को कृषि प्रमुख देश से औद्योगिक प्रमुख बनाने की योजनाएं बनाई परंतु आज हम ना तो औद्योगिक प्रमुख बन पाए हैं और धीरे-धीरे कृषि में भी काफी पीछे होते चले गए हैं जहां हम 70 से 75 % खेती पर निर्भर थे आज हम 40 से 42 % पर आ गए हैं इस आंकड़े से यह बात तो साफ है कि दिन प्रतिदिन कृषि का आंकड़ा कम हो रहा है भारत सरकार जो औद्योगिक प्रमुख देश बनाना चाहती थी आज वह भारत सर्विस सेक्टर में तब्दील हो गया है सर्विस क्या होती हैं? सर्विस का मतलब
एक डॉक्टर एक पेशेंट को देखता है तो वह सर्विस दे रहा है, इंश्योरेंस कंपनी इंश्योरेंस करती हैं तो वह आपको सर्विस दे रही है ,मल्टीनेशनल कंपनी अपना प्रोडक्ट व ऑनलाइन जितने भी आज ऐप है जिन पर आधारित व्यापार चल रहा है ऑनलाइन वह सब एक सर्विस सेक्टर का ही उदाहरण है आज भारत में 27 से 30 % पर भारत काम कर रहा है परंतु आज हमारे पास एक और मौका है भारत को कृषि प्रमुख देश बनाने का ओर अग्रसर है जैसे तीन(3) बदलाव करें गए हैं जो कि मील का पथर साबित होंगे - सबसे पहला 1-किसानों को छूट दी जाएगी छूट कैसी होगी किसानों पर पहले पाबंदी थी वह अपने राज्य में ही अपनी फसल बेच सकता था जिससे वह अपनी फसल का सही दाम
नहीं ले पाता था परंतु आज सरकार इस कानून में बदलाव ला रही है किसान का जहां मन होगा उसे जो उचित दाम देगा है उसे जहां फायदा मिलेगा वह अपनी फसल वहां पर दे सकता है दूसरी बात 2-किसानों को बेमौसम बरसात आंधी तूफान से अपनी फसल की चिंता बनी रहती थी परंतु अब फसल बोने के दौरान वह बड़े रिटेलर को दिखाकर उसके दाम ले सकता है इसे यूं कहें फसल तैयार होने से पहले उसकी फसल बिक जाया करेगी तीसरी बात 3-एसेंशियल कमोडिटी इसमें सरकार ने कुछ चुनिंदा चीजों पर स्टॉक लिमिट लगाई हुई थी जो जिसमें की अनाज दाल प्याज आलू उसे हटा दी गई है (उचित समय पर लगा भी दी जाया करेगी) उस से क्या होगा जो व्यापारी तब का इसमें भारी निवेश करेगा जिससे खेती में मुनाफे बढ़ जाएंगे और इन सब बातों के ऊपर नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो एनसीआरबी जिसके मुताबिक 1985 से 2019 तक साढे तीन लाख किसान आत्महत्या कर चुके हैं इस आंकड़े के अनुसार प्रतिवर्ष 10हज़ार किसान आत्महत्या करते हैं इसमें भारी गिरावट आएगी जैसे इसी के साथ जय जवान जय किसान का नारा मरता दिखाई देता था वह भी जीवित नजर आएगा परंतु परंतु आज भारत सरकार का लक्ष्य लोकल टू ग्लोबल की ओर है जो हमारे हर्बल प्रोडक्ट है वह देश विदेश में विख्यात होंगे इसके लिए भारत सरकार ने हर्बल फार्मिंग को 4000 करोड रुपए देने की बात कही है जिसमें भारत सरकार का लक्ष्य होगा 2 साल में 10लाख हेक्टेयर जमीन पर हर्बल फार्मिंग हो इसी के साथ 53 करोड पशुओं जिसमें भेड़ बकरी बहस सूअर आदि मौजूद हैं उनको टीकाकरण किया जाएगा जिसकी वजह से इंफेक्शन फैलने का खतरा खत्म हो जाएगा मछली पालन में 5 साल में 70 लाख टन का अनुमान है जिसके लिए सरकार 20 हजार करोड रुपए मुहैया कराएगी अंत में मैं यही कहना चाहूंगा यह सारी योजनाएं केवल कागज में ना रहे जमीनी तौर पर इन योजनाओं पर काम हो और उसके सही हकदार तक यह योजनाएं पहुंचे संपूर्ण भारत का विकास निश्चित है और हमारे देश को एक अलग पहचान मिलेगी
वरुण सिंघल
प्रांतीय अध्यक्ष(यू) मेरठ मंडल भारत रक्षा मंच
आने वाला समय किसानों और पशुपालकों के लिए स्वर्णिम काल साबित होगा.वरुण सिंघल